हनुमानजी को बूंदी का प्रसाद क्यों चढ़ाते हैं? | पंचम भाव से संतान और विवाह का ज्योतिषीय रहस्य"

हनुमानजी को बूंदी का प्रसाद क्यों चढ़ाया जाता है?

साथ ही जानिए जन्मकुंडली के पंचम स्थान से संतान, विवाह और तरक्की कैसे देखी जाती है

हनुमानजी अपने भक्तों की हर परेशानी को हर लेते हैं। विशेष रूप से मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करने से शनि दोष, राहु-केतु और मंगल दोष जैसे ग्रह शांत होते हैं। इस दिन केसरिया सिंदूर और बूंदी का प्रसाद चढ़ाना विशेष फलदायी माना गया है।


🔶 हनुमानजी को बूंदी का प्रसाद क्यों चढ़ाया जाता है?

  • दूध का निषेध: ज्योतिष अनुसार दूध चंद्रमा से जुड़ा होता है जो शांत ग्रह है, जबकि मंगल उग्र ग्रह है। मंगलवार को दूध से बनी चीजें हनुमानजी को नहीं चढ़ाई जातीं।
  • बूंदी और ग्रह संबंध: बूंदी बेसन से बनती है (मंगल से संबंध) और तेल में तली जाती है (शनि से संबंध)। इससे मंगल नीच होता है और शनि बलवान होता है, जो ग्रह शांति देता है।

🔸 और क्या चढ़ा सकते हैं?

हनुमानजी को बूंदी के अलावा ये प्रसाद भी चढ़ाए जा सकते हैं:

  • बेसन के लड्डू
  • मालपुआ
  • इमरती

🔹 मंगलवार को बूंदी चढ़ाने के लाभ:

  • मनोकामना पूर्ति: "ॐ हनुमते नमः" का जाप कर बूंदी चढ़ाने से इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
  • मंगल दोष निवारण: बार-बार रुकावट आने पर मंगल शांत होकर सफलता देता है।
  • आर्थिक उन्नति: हनुमान चालीसा पाठ से धन का प्रवाह बना रहता है।

🔱 पंचम भाव से संतान, विवाह और तरक्की का फल कैसे देखा जाता है?

जन्मकुंडली का पंचम भाव संतान, बुद्धि, रचनात्मकता और प्रेम जीवन को दर्शाता है। खासकर संतान का विवाह और तरक्की इसी से देखी जाती है।

▫️ पुत्र और पुत्री योग:

  • गुरु, सूर्य, मंगल का प्रभाव → पुत्र संतान।
  • शुक्र और चंद्र का प्रभाव → पुत्री संतान।

▫️ संतान का विवाह योग:

पंचम भाव, सप्तम भाव और इनके स्वामी की स्थिति देखी जाती है। शुक्र और गुरु की दशा-अंतरदशा में विवाह संभव होता है।


🌿 सरल उपाय:

संतान के शीघ्र विवाह और तरक्की हेतु:

  • लगातार 7 गुरुवार पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
  • संतान के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करें।

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