*🌴।।२९ जून २०२५ रविवार।।🌴*
*//आषाढ़शुक्लपक्ष चतुर्थी२०८२ //*
➖➖➖➖‼️➖➖➖➖
*‼️ऋषि चिंतन ‼️*
➖➖➖➖‼️➖➖➖➖
*❗आरोग्य प्राप्ति के कुछ नियम ❗*
➖➖➖➖‼️ ➖➖➖➖
👉 *"स्वच्छता" से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की व्यवस्था बनी रहती है।* घर, आँगन, कपड़े, बिस्तर, बर्तन, खाद्य पदार्थ, पानी आदि में गंदगी न रहने पाए इसके लिए सतत सतर्कता बरतने और उन्हें स्वच्छ रखने के उपाय बरतने की आवश्यकता होती है। *खुली "धूप" और "हवा" का घरों में प्रवेश रहना चाहिए।* सीलन, घुटन के वातावरण में रहने से रुग्णता आ घेरती है। *वृक्ष, पौधे, बेलें, फूल, "तुलसी" आदि की हरियाली घर, आँगन में रहे तो उससे सुंदरता सुसज्जा के अतिरिक्त स्वच्छ वायु का लाभ भी मिलता है।* टट्टी, पेशाबघर, स्नानघर, नाली, कूड़ेदान, बरतन माँजने का स्थान, रसोईघर आदि की सफाई पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। प्रायः इन्हीं स्थानों पर गंदगी जमती और रुग्णता पलती है। *मक्खी, मच्छर, खटमल, पिस्सू, मकड़ी, जुएँ आदि बढ़ने पलने न पाएँ, इसकी सतर्कता बरती जाए।* फिनायल, चूना, साबुन, डिटॉल आदि का समय-समय पर उपयोग करते रहा जाए। *बुहारी और झाड़न जल्दी और बार-बार काम में लाए जाएँ।* गरम पानी और धूप का उपयोग सफाई में सहायक सिद्ध होता है। *स्नान तौलिए से रगड़ कर इस प्रकार किया जाए कि किसी भी अवयव पर मैल की परत जमा न रहने पाए।* दाँत, मुख एवं अन्य छिद्रों की सफाई पर विशेष ध्यान रखा जाए।
👉 *"नियमितता" का सदा ध्यान रखा जाए। यथा संभव दिनचर्या नियत निर्धारित रखी जाए।* जिसकी नौकरी में ड्यूटी बदलती रहती है या दिन-रात भाग-दौड़ करनी पड़ती है, उन्हें भी स्थिति के अनुरूप अपनी दैनिक समय व्यवस्था बनाते और बदलते रहना चाहिए। *जिनकी कार्य-पद्धति नियम निर्धारित है, उन्हें तो समय का विभाजन करके और दृढ़तापूर्वक पालन करने की बात ध्यान में रखनी ही चाहिए।* जल्दी सोना और जल्दी उठना बहुत अच्छी आदत है। *प्रातःकाल का समय जिन कार्यों के लिए प्रयुक्त किया जाता है. उनमें अधिक सफलता मिलती है।* सबेरे जल्दी उठना उन्हीं के लिए संभव है, जो रात को जल्दी सोते हैं, अन्यथा निद्रा पूरी न हो सकेगी। *इंदियों से सीमित काम लिया जाए।* रात्रि को तेज प्रकाश में आँखों पर दबाव डालने वाले काम न किए जाएँ। *ब्रह्मचर्य का अधिक पालन किया जाए।* समय विभाजन में नित्यकर्म, आजीविका, विश्राम, मनोरंजन, परिवार व्यवस्था, स्वाध्याय, उपासना, लोकसेवा के सभी पक्षों का समावेश रखा जाए। उपार्जन में ही पूरा समय न खपा दिया जाए।
Ati sundar 👍
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें