🌟 आज का प्रेरक प्रसंग 🌟
🌹 आपका महत्व 🌹
एक बार एक व्यक्ति के जेब में दो हजार रूपये (₹2000) एवं एक रूपये का सिक्का एक साथ हो गये।
सिक्का अभीभूत होकर दो हजार के नोट को देखे जा रहा था... नोट ने पूछा—"इतने ध्यान से क्या देख रहे हो?"
सिक्के ने कहा — "आप जैसे इतने बड़े मूल्यवान से कभी मिले नहीं इसलिए ऐसे देख रहा हूँ। आप जन्म से अभी तक कितना घूमे-फिरे होगे? आपका मूल्य हमसे हजारों गुना ज्यादा है। आप कितने लोगों के उपयोगी हुए होगे।"
नोट ने दुखी होकर कहा — "तुम जैसा सोचते हो वैसा कुछ भी नहीं है। मैं एक उद्योगपति की तिजोरी में कई दिनों तक कैद था। एक दिन उसने टैक्स चोरी से बचने के लिए घूस के रूप में मुझे एक अधिकारी को दे दिया।"
"मैंने सोचा कि चलो, कैद से छूटे — अब तो किसी के उपयोगी होंगे। पर उसने भी मुझे बैंक लॉकर में डाल दिया। महीनों बाद अधिकारी ने बंगला खरीदने में हमें बिल्डर को सौंप दिया। उसने हमें एक बोरे में बांधकर अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया। वहाँ तो मेरा दम घुटने लगा और तड़पता रहा। किसी तरह अभी कुछ दिन पहले मैं इस व्यक्ति की जेब में पहुँचा हूँ। सही बताऊँ तो पूरी जिंदगी जेल जैसी कैद में ही बीती।"
नोट ने अपनी बात पूरी कर, सिक्के से पूछा — "दोस्त, तू बता जन्म से अब तक कहाँ-कहाँ घूमे?"
सिक्का मुस्कराकर बोला — "क्या बताऊँ दोस्त? मैं तो बस घूमता ही रहा। कभी भिखारी के कटोरे से बिस्कुट वाले के पास, तो कभी बच्चों के पास से चॉकलेट वाले तक। पवित्र नदियों में नहा कर, तीर्थ स्थानों पर गया, प्रभु चरणों में भी जगह मिली, आरती की थाली में भी घूमे — और खूब मजा किया।"
"जिसके पास भी गया, सबको आनंद और उपयोग मिला।"
सिक्के की बातें सुनकर नोट की आँखें भर आईं।
👉 शिक्षा 👈
आप कितने बड़े हो ये महत्वपूर्ण नहीं है,
महत्वपूर्ण यह है कि आप कितने उपयोगी हो।
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