19 जुलाई 2025 का वैदिक पंचांग | शनिवार विशेष, व्रत, उपाय और ज्योतिष ज्ञान

 

🕉️ ~ वैदिक पंचांग ~ 🕉️
🌤️ दिनांक - 19 जुलाई 2025
🌤️ दिन - शनिवार
🌤️ विक्रम संवत - 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
🌤️ शक संवत - 1947
🌤️ अयन - दक्षिणायन
🌤️ ऋतु - वर्षा ऋतु
🌤️ मास - श्रावण (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार आषाढ)
🌤️ पक्ष - कृष्ण
🌤️ तिथि - नवमी दोपहर 02:41 तक तत्पश्चात दशमी
🌤️ नक्षत्र - भरणी रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात कृत्तिका
🌤️ योग - शूल रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात गण्ड
🌤️ राहुकाल - सुबह 09:26 से 11:06 तक
🌤️ सूर्योदय - 06:08
🌤️ सूर्यास्त - 07:21
👉 दिशाशूल - पूर्व दिशा में

🚩 व्रत पर्व विवरण -
💥 विशेष:
- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
- चतुर्मास में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करें। (स्कन्द पुराण)
- पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
- शनिवार को पीपल के वृक्ष का स्पर्श करें, ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। (ब्रह्म पुराण)
- ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जप करने से दुःख और ग्रह दोष शांति पाते हैं।
- पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से कष्टों का निवारण होता है। (पद्म पुराण)

👉🏻 06 महापुण्य पुंजो के महादुर्लभ योग का लाभ:
🌷 अर्थप्रद सोमवार व्रत 🌷
🙏🏻 स्कंद पुराण अनुसार:
- किसी भी सोमवार को शिवलिंग पर दूध व बेलपत्र चढ़ाएँ और नीचे दिए गए 8 नामों से शिवजी को प्रणाम करें:
➡️ ॐ दशभुजाय नम:
➡️ ॐ त्रिनेत्राय नम:
➡️ ॐ पंचवदनाय नम:
➡️ ॐ शूलिने नम:
➡️ ॐ श्वेतवृषभारूढाय नम:
➡️ ॐ सर्वाभरणभूषिताय नम:
➡️ ॐ उमादेहार्द्धस्थाय नम:
➡️ ॐ सर्वमूर्तये नम:
➡️ यह व्रत बहनें भी कर सकती हैं।

🌷 शक्तिवान बनने हेतु:
👉🏻 खाली पेट अथवा भोजन के बीच: आँवला रस + मिश्री + घी लें। शरीर को बल और शक्ति प्राप्त होती है।

🌷 किसकी आयु कम हो जाती है?
➡️ जो अति अभिमानी, निंदक, ईर्ष्यालु, क्रोधित, और दुर्व्यसनी होते हैं।
➡️ जो अधिक भोजन, देर रात भोजन, चलते-चलते खाते हैं।
➡️ जो प्राणायाम, मंत्र जाप नहीं करते।
➡️ जो ब्रह्मचर्य नष्ट करते हैं।
➡️ जो संतों की निंदा, परिवार से द्रोह करते हैं।
🙏🏻 ऋषिप्रसाद – फरवरी 2022

🕉️ ~ वैदिक पंचांग ~ 🕉️

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