♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️
‼️ मित्रता की परिभाषा 🤝‼️
एक बेटे के अनेक मित्र थे जिसका उसे बहुत घमंड था। पिता का एक ही मित्र था लेकिन था सच्चा।
एक दिन पिता ने बेटे से कहा — “तेरे बहुत सारे दोस्त हैं, उनमें से आज रात तेरे सबसे अच्छे दोस्त की परीक्षा लेते हैं।”
बेटा सहर्ष तैयार हो गया। रात को 2 बजे दोनों बेटे के सबसे घनिष्ठ मित्र के घर पहुंचे। बेटे ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। बार-बार दरवाजा ठोकने के बाद अंदर से बेटे का दोस्त अपनी माताजी से कह रहा था — "माँ कह देना मैं घर पर नहीं हूँ।" 😔
यह सुनकर बेटा उदास हो गया और निराश होकर दोनों लौट आए।
फिर पिता ने कहा — “अब तुझे मेरे दोस्त से मिलवाता हूँ।”
दोनों पिता के मित्र के घर पहुंचे। पिता ने आवाज़ लगाई — “मित्र!”
उधर से जवाब आया — "ठहर मित्र, दो मिनट में दरवाजा खोलता हूँ।"
जब दरवाजा खुला तो पिता के दोस्त के एक हाथ में रुपये की थैली थी और दूसरे हाथ में तलवार।
पिता ने पूछा — “यह क्या है मित्र?”
मित्र बोला — “अगर मेरे मित्र ने रात 2 बजे दरवाजा खटखटाया है, तो वह अवश्य मुसीबत में होगा। अक्सर मुसीबत दो प्रकार की होती है — या तो पैसे की, या किसी से विवाद की।
अगर तुम्हें पैसों की ज़रूरत है तो ये थैली ले जाओ 💰, और यदि किसी से झगड़ा हो गया है तो ये तलवार लेकर मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ ⚔️।”
यह सुनकर पिता की आँखें भर आईं। उन्होंने अपने बेटे की ओर देखते हुए कहा — “बेटा, आज तुझे सच्ची मित्रता की परिभाषा दिखा दी।”
📚 शिक्षा:
अतः बेशक मित्र, एक चुनें — लेकिन नेक चुनें।
✨ सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।
जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है। 😇
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