हनुमान चालीसा के पाठ हैं चमत्कारिक

 हनुमान चालीसा के पाठ हैं चमत्कारिक

ऑफिस में कुछ ठीक नहीं चल रहा... घर

पर पति-

पत्नी की नहीं बनती...

विद्यार्थियों को परीक्षा का टेंशन है...

किसी को भूत-पिशाचों का भय सता रहा है... मानसिक

शांति नहीं मिलती... स्वास्थ्य से

जुड़ी समस्याएं

पीछा नहीं छोड़ती...

ऐसी ही मानव जीवन से

जुड़ी सभी समस्याओं का हल है रामभक्त

श्री हनुमान के पास। परंतु आज के दौर में जब हमारे

समयाभाव है और इसी के चलते हम मंदिर

नहीं जा पाते, विधि-विधान से पूजा-

अर्चना नहीं कर पाते हैं। ऐसे में भगवान

की कृपा कैसे प्राप्त हो? क्या किया जा

जिससे कम समय में ही हमारे सारे दुख-कलेश,

परेशानियां दूर हो जाए?

अष्ट सिद्धि और नवनिधि के दाता श्री हनुमान

जी... जिनके हृदय में साक्षात् श्रीराम और

सीता विराजमान हैं... जिनकी भक्ति से भूत-

पिशाच निकट नहीं आते... हमारे सारे कष्टों और

दुखों को वे क्षणांश में ही हर

लेते हैं। ऐसे भक्तवत्सल श्री हनुमान

जी की स्मरण हम

सभी को करना चाहिए।

तो आपकी सभी समस्या का सबसे सरल और

कारगर उपाय है.

श्री हनुमानचालीसा का जाप। कुछ

ही मिनिट की यह

साधना आपकी सारी मनोवांछित इच्छाओं

को पूरा करने वाली है। श्री हनुमान

चालिसा का जाप कभी भी और

कहीं भी किया जा सकता है।

गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित

श्री हनुमान चालीसा अत्यंत

ही सरल और सहज ही समझ में आने

वाला स्तुति गान है। श्री हनुमान चालीसा में

हनुमान के चरित्र की बहुत ही विचित्र

और अद्भुत व्याख्या की गई हैं। साथ

ही इसके जाप से श्रीराम

का भी गुणगान हो जाता है।

श्री हनुमानजी बहुत ही कम

समय की भक्ति में प्रसन्न होने वाले देवता है।

श्री हनुमान चालीसा की एक-

एक पंक्ति भक्ति रस से सराबोर है

जो आपको श्री हनुमान जी के उतने

ही करीब

पहुंचा देगी जितना आप उसका जाप करेंग। कुछ समय में

इसके चमत्कारिक परिणाम आप सहज ही महसूस कर

सकेंगे।

यदि ऑफिस से सम्बंधित कोई परेशानी है तो सोमवार

दोपहर को लगभग दो बजे से चार बजे के मध्य

श्री हनुमान चालीसा का पाठ उत्तर

दिशा की ओर मुख कर के करे. ध्यान रखें कि बैठने

का आसन और सिर पर लाल रंग का शुद्ध वस्त्र रख कर करे.

तथा अपने सामने किसी भी साफ़ बर्तन में गुड़

या गुड़ से बनीं मिठाई जरूर रखे पाठ के बाद उसे स्वयं

प्रसाद के रूप में लें. इसे सोमवार (शुक्ल-पक्ष) से आरम्भ कर

प्रत्येक सोमवार करने से ऑफिस से सम्बंधित संकट समाप्त

हो जाता है।

यदि घर में पति-

पत्नी की नहीं बनती है

औए प्रतिदिन घर में क्लेश

की स्थिति बनी रहती है

तो भी इसका समाधान श्री हनुमान

जी के पास है. नित्य प्रातःकाल सूर्योदय के समय

पति या पत्नी एक ताम्बे के लोटे में थोडा सा गुड़ और एक

छोटी इलायची डाल कर सूर्य देव के सामने बैठ

कर श्री हनुमान चालीसा के दो पाठ कर सूर्य

देव को अर्घ्य प्रदान कर दें. कुछ ही दिनों में पति व

पत्नी तथा परिवार के अन्य सदस्यों के मध्य

सद्भावनापूर्ण व्यवहार होने लगेगा।

प्रत्येक मंगलवार तथा शनिवार सांयकाल श्री हनुमान

चालीसा के पांच पाठ सामने गुग्गल का धूप जला कर करे

तो घर की सन्तान नियंत्रित होती है. घर में

कोई संकट नहीं आता है विद्या बुद्धि बल बड़ता है

समस्त दोष स्वत: ही समाप्त होने लगते है।

जो प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ

आसन में बैठ कर करता है उसकी समस्त कामनाये

भगवान राम जी के द्वारा शीघ्र

पूरी होती है।

परदेश या विदेश में सफलता नहीं मिल

रही तो श्री हनुमान चालीसा के

एक सौ आठ १०८ पाठ नौ दिन में करें या रात को पांच पांच पाठ रोज करने

से वेदेश में प्रतिष्ठा व सफलता प्राप्त होती है।

प्रतिदिन किसी भी समय

श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से

नवग्रह की शान्ति तो होती है और जटिल

समस्याओं से छुटकारा भी मिल जाता है. धैर्य और विश्वास

के साथ किया गया पाठ आपके जीवन में

सफलता कि कुंजी बन सकता है।

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