🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

🙏🏻 हर हर महादेव 🙏🏻

🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

🌤️ दिनांक: 05 जुलाई 2025
🌤️ दिन: शनिवार
🌤️ विक्रत संवत: 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
🌤️ शक संवत: 1947
🌤️ अयन: दक्षिणायन
🌤️ ऋतु: वर्षा ऋतु
🌤️ मास: आषाढ़
🌤️ पक्ष: शुक्ल
🌤️ तिथि: दशमी शाम 06:58 तक ➡️ तत्पश्चात एकादशी
🌤️ नक्षत्र: स्वाती शाम 07:51 तक ➡️ तत्पश्चात विशाखा
🌤️ योग: सिद्ध रात्रि 08:36 तक ➡️ तत्पश्चात साध्य
🌤️ राहुकाल: सुबह 09:23 से 11:03 तक
🌤️ सूर्योदय: 06:03 AM
🌤️ सूर्यास्त: 07:23 PM
👉 दिशाशूल: पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व: भडली नवमी

💥 विशेष – शनिदेव वाणी (ब्रह्म पुराण)

🪔 शनिवार को जो मनुष्य पीपल के वृक्ष का स्पर्श करता है, उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं और शनिदेव की पीड़ा नहीं होती।
🧘‍♂️ शनिवार को प्रातःकाल पीपल स्पर्श करने से ग्रह बाधाएं शांत होती हैं।

🌷 एकादशी विशेष 🌷

📅 एकादशी तिथि: 05 जुलाई शाम 06:58 से 06 जुलाई रात 09:14 तक
🌟 व्रत: 06 जुलाई (रविवार) को रखें

🙏 एकादशी की रात्रि को दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
❌ उपलब्ध न हो तो ➡️ 10 माला गुरुमंत्र का जप करें।
🕊️ घर में कलह हो तो शांतिपूर्वक पाठ करें, घर का वातावरण मधुर होगा।

🌺 चातुर्मास आरंभ – 06 जुलाई 2025 से 🌺

🎓 विद्यार्थियों के लिए स्वर्ण अवसर:

📌 प्रतिदिन 170 माला सारस्वत्य मंत्र जप करें
🔇 मौन व्रत रखें, ध्यान करें, और श्वास गिनने का अभ्यास करें
🧠 इससे बुद्धिशक्ति, स्मरण शक्ति और सफलता तीव्र हो जाती है।

📚 चातुर्मास के अमृत वचन:

  • 🛕 सद्धर्म, सत्संग, सत्पुरुष सेवा, पूजन, सुपात्र दान – कल्याणकारी
  • 🧘‍♀️ भूमि पर शयन, ब्रह्मचर्य, ध्यान, मौन, जप, उपवास लाभदायक
  • 🛁 आँवले जल से स्नान ➡️ तेज और पुण्य में वृद्धि
  • 🍽️ तांबे के पात्र वर्जित ➡️ पलाश पत्रों पर भोजन उत्तम
  • 🚫 परनिंदा का त्याग करें
  • 👰 विवाह और सकाम यज्ञ वर्जित – ये समय साधना का है
  • 📖 पुरुष सूक्त पाठ से बुद्धिशक्ति की प्राप्ति होती है

🌿 जुलाई 2025 पंचक तिथि 🌿

🔸 पंचक आरंभ: 13 जुलाई, रविवार शाम 06:53 बजे
🔸 पंचक अंत: 18 जुलाई, शुक्रवार सुबह 03:39 बजे

🗓️ आगामी एकादशी

🌙 कामिका एकादशी:
🌟 तिथि प्रारंभ: 20 जुलाई दोपहर 12:12 बजे
🌟 तिथि समाप्त: 21 जुलाई सुबह 09:38 बजे
🌿 व्रत: 21 जुलाई को रखें


🌞 ~ शुभ दिन की शुभकामनाएं ~ 🌞

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