🪔 मंगल मंत्र और जीवन का सच्चा अर्थ 🪔
🔱 मंगल मंत्र:
धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्काति समप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मंगलं प्रणमाम्यहम्।।
ॐ क्रां क्रीं क्रों स: भौमाय नम:
ऊँ मंगल मंगल नमः भोमाय नमः भैरवाय नमः मंगलाय नमः
जय मंगला मंगला मंगलाए नमः क्रा क्री क्रो क्रो क्रेक नमः
🧘♂️ जीवन का संदेश:
जीवन का आरंभ अपने रोने से होता है व जीवन का अंत दूसरों के रोने से!
इस आरंभ व अंत के बीच का समय भरपूर आनन्द, प्रेम, परोपकार से भरा हो – बस यही सच्चा व श्रेष्ठ जीवन है।
A generous heart doesn't store mistakes of others.
सम्मान हमेशा समय का होता है लेकिन आदमी उसे अपना समझ लेता है!
✨ सदा खुश रहिये, हँसते रहिये, हँसाते रहिये। ✨
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